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User: Sonu
कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म
होगा मेरे जैसा यहाँ कोई न कोई रोज़
कम होगा तुझे पाने की कोशिश में
कुछ इतना रो चुका हूँ मैं कि तू मिल
भी अगर जाये तो अब मिलने का ग़म होगा
इस तरह से न अब इस जहाँ से तू डर।
प्यार की मैं दिखाऊँगा तुझको डगर।
मोड़कर मुँह कहाँ जा रही जानेमन?
प्यार के पंथ पर एक पल तो ठहर।
कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको,
बिन मतलब जो आए तो क्या बात है,
कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है
तुम आओ कभी तो दस्तक दो मेरे दिल
पर प्यार पहले से कम हो तो शिकायत
करना मेरे दिल में उतर सको तो
शायद जान लो कितना मुश्किल
है किसी से खाोश महोब्बत करना.
इतफ़ाक से सही, मुलाकात हो गई
ढूंढ रहे थे जिन्हें, उन से बात हो गई,
देखते ही उन को, जाने कहाँ खो गया में
वही से दोस्तों प्यार की, शुरुवात हो गई.
नज़रो से नज़र कुछ, इस कदर मिली
वो जगह स्वर्ग बन गयी, जहा
नज़र मिली, नहीं भूली जाती वो,
जगह आज भी मुझ से बड़ी
दुआओ के बाद, वो जिधर मिली.
उस के खातिर में, खुद को लुटाता रहा
दुनियांभर से अपनी, मुहब्बत
छुपाता रहा, इक पल में न जाने
क्यू, वो बेवफ़ा हो गयी, जिस
को हमेशा दिल से, में लगाता रहा
आज तनहा हू, मुझे तनहा रहने दो, उस
के पास उसका, गुन्हा रहने दो दो
चार दिन की और ज़िन्दगी है दोस्तों
मुझे भूल जाओ मुहब्बत में फ़ना रहने दो.
किसी से कुछ भी मांगना अच्छा नहीं
लगता, बेवजह कहीं हाथ फैलाना
अच्छा नहीं लगता। मेरे ईश्वर मुझे
देने वालों की कतार में रखना, तेरे दर
के सिवा सर झुकाना अच्छा नहीं लगता।
तेरे चाहत पर हम जमाना भुल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से है मोहबत बताया सारे जहा को,
बस एक तुम्हे है बताना भुल गये.
मजबूर मोहब्बत जता ना सके, ज़ख़्म
खाते रहे किसी को बता ना सके चाहतो
की हद तक चाहा उसे. सिर्फ़ अपना
दिल निकाल कर उसे दिखा ना सके.