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User: AkaRShaNduBeY
ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ, वो एकभोली सी लडकी हे जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ!
चलो आज फिर थोड़ा मुस्कुराया☺ जाए, बिना माचिस के कुछ लोगों को जलाया जाए.
बैठता वहीं हूँ, जहाँ अपनेपन का अहसास है मुझको, यूं तो जिन्दगी में न जाने कितने ही लोग आवाज देते हैं मुझे।
मौत तो यूं ही बदनाम है दर्द तो रिश्तेदार देते हैं भाई.
दोहरे चरित्र में नहीं जी पाता हूँ, इसलिए कई बार अकेला नजर आता हूँ.
कोई भी इंसान अकेला नहीं होता उसके साथ हंमेशा होती हैं उम्मीदें ख्वाहिशें ज़रूरतें ज़िम्मेदारियाँ.
उसका सपना ही देखा था मेने साथ छूटने का, किस्मत देखो सपना पहली बार सच हो गया मेरा.
कांटे की तरह चुभ रही है जिंदगी पता है क्यूँ...? तेरी हर एक बात आज याद आ रही है.
वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम करती हो!
मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूँ, मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है!
हमें ठुकराने में अब उनकी क्या गलती जनाब, वो भी हमारी तरह किसी और को बेहद चाहते थे !!