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User: Vibhishan
गालिबन दिल लगाना तो हमारी आदतों में शुमार है हमारे दर पर आपके कदम ठहर गये यही तो प्यार है.
अल्फ़ाजो से चाहत रखने वाले, कभी मेरे जज़्बात भी पढ़ लिया कर.
किसी ने विश्वास तोडा किसी ने दिल और लोगों को लगता है कि बदल गये हम।
जब भी देखता हूँ तेरे इश्क की पाकीज़गी दिल करता तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ.
कहानियाँ लिखने लगें हैं अब! शायरियोँ मेँ अब तुम समाती नहीँ.
कल तुझको देखा था, मैंने अपने आँगन में. जैसे कह रही थी तुम, मुझे बांध लो बंधन में.
ये और बात है कि आंधी हमारे बस में नहीं मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है.
ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना, हामी भर लेना बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता.
मुस्कुरा के तूने नज़रें क्या झुकायीं, सारा दिन अफवाहों के दौर चलते रहे!
कभी तो अपने लहजे से तुम भी ये साबित कर दो कि मोहब्बत तुम भी हमसे बेहिसाब करते हो!
सुनो तुम वजह मत ढुंढो, जिस रिश्ते से आना चाहो आ जाना, मेरे चारो तरफ मोहब्बत ही मोहब्बत है!